अर्द्धकुम्भ, पूर्णकुम्भ एवं महाकुम्भ की सम्पूर्ण जानकारी

भारत में एवं विश्व में कुम्भ का एक विशेष महत्व है। यह धार्मिक एवं ज्योतिषीय दृष्टि से एक विशेष घटना है जो हमारे सौर मंडल के ग्रहों में सूर्य एवं वृहस्पति की विशेष स्थिति में संपन्न होती है।

कुम्भ के मेले में दुनिया भर से तमाम श्रद्धालु भाग लेते है एवं ऐसा माना जाता है कि कुम्भ मेले में स्वर्ग से देवता भी साधारण मनुष्य रूप धारण करके भाग लेने आते हैं।

इस बार वर्ष 2025 में लगने वाला कुम्भ मेला हिन्दू पंचांग के अनुसार 13 जनवरी 2025 से शुरू होकर 26 फरवरी 2025 (महाशिवरात्रि) तक रहेगा।

कुम्भ 3 प्रकार के होते है :

  • अर्द्धकुम्भ
  • पूर्णकुंभ
  • महाकुम्भ

आईये आज इन तीनो प्रकार के कुम्भ के बारे में सम्पूर्ण तथ्य जानते है

अर्द्धकुंभ मेला

अर्द्धकुंभ मेला प्रत्येक ६ वर्ष में एकबार लगता है एवं इसका आयोजन केवल हरिद्वार और प्रयागराज में किया जाता है।


पूर्णकुंभ मेला

पूर्ण कुम्भ मेला १२ वर्ष में एकबार आता है एवं इसका आयोजन प्रयागराज में त्रिवेणी संगम के तट पर किया जाता है। 


महाकुंभ मेला

जब प्रयागराज संगम पर 12 कुम्भ हो जाते है तब एक महाकुम्भ आता है इसलिए यह 144 वर्षो में एकबार आता है। इसबार 2025 में प्रयागराज में लगाने वाला कुम्भ मेला महाकुम्भ मेला है।

 


Author Avtar

माधव शर्मा

भारतीय नागरिक

सभी को नमस्कार, मैं 25 वर्ष का भारतीय नागरिक हूँ एवं मैंने भारत में मनाये जाने वाले त्योहारों के महत्व का अध्ययन किया है एवं सम्बंधित समूह से चर्चा भी की है, अगर मेरे किसी लेख में त्रुटि है तो कृपया कमेंट करें, मै उस लेख को परिवर्तित कर दूंगा। धन्यवाद।। 

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